सफ़ेद पानी/श्वेत प्रदर leucorrhoea : १० ग्राम छाल को ४०० ग्राम पानी में उबाल कर काढ़ा बनाकर पीने से सफ़ेद पानी की समस्या दूर होती है।
कब्ज़ की समस्या होने पर बबूल का सेवन करना और तकलीफ बढ़ा सकता है।
आयुर्वेद, प्राकृतिक उपचार और स्वास्थ्य
बबूल की छाल को चबाने से ढीले दांत मजबूत होते है। यह मसूड़ों से खून आना भी रोकता है।
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नारू / babul benefits for naru kidaइसके बीजों के चूर्ण को पानी के साथ have a peek at this web-site पीसकर लेप करने से नारू मिटता है।
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चाय
दांतों के दर्द में बबूल की छाल, पत्ते, फूल और फलियां लें। सभी को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाएं। इस चूर्ण से मंजन करने से दांतों के रोग दूर होते हैं।
आँख में दर्द, सूजन : पत्तों का रस कुछ बूंदों की मात्रा में आँख में डालने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है।
बबूल के पत्ते के रस को छाछ में मिलाकर पिलाने से हर प्रकार के दस्त पर रोक लगती है।
तो चलिए एक-एक करके जानते हैं इन स्कीम्स के बारे में...
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